धान की अवैध खरीदी पर रोकथाम व कार्यवाही के कलेक्टर ने दिए निर्देश, 14 नवंबर से होगी धान की खरीदी

– 14 नवंबर से जिले के 65 खरीदी केंद्रों में होगी धान की खरीदी
– 2761 नए किसानों ने कराया है पंजीयन, कुल 53 हजार 944 किसान पंजीकृत

कोरबा । प्रदेश सहित कोरबा जिला में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत 14 नवंबर से 31 जनवरी 2025 तक होने वाली धान उपार्जन के लिए एक तरफ जहाँ जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। वहीं जिले के किसानों में भी धान बेचने को लेकर बहुत उत्साह का वातावरण है। खेतो में धान बोने के बाद अपनी फसल के पकने के इंतजार कर रहे किसानों द्वारा अब खेतो में कटाई की जा रही है।

किसान धान काटने और उसे खेत से अपने खलिहान तक पहुचाने में व्यस्त है। धान की मिसाई के पश्चात बोरो में भरने का सिलसिला भी जारी है, जल्दी ही खरीदी प्रारंभ होने के साथ ही किसान ट्रैक्टरों सहित अन्य माध्यम से धान उपार्जन केंद्र पहुचेंगे और अपनी मेहनत का मूल्य ले पाएँगे। ग्राम भवरखोल व लिमडीह के किसान अमोल कँवर, रूपेश कँवर का कहना है कि इस बार बारिश अच्छी हुई है इसलिए फसल भी अच्छा हुआ है और यह भी खुशी की बात है कि एक एकड़ में 21 क्विंटल धान बेचने की सुविधा के साथ ही 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान सरकार लेगी। किसानों का कहना है कि उन्होंने अपना पंजीयन भी करा लिया है और जल्दी ही धान बेचेंगे। जिले में 65 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी होगी। कुल 53 हजार 944 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है जिसमें से 2761 किसान नए हैं।

ग्राम भंवरखोल के किसान अमोल कंवर का कहना है कि उन्होंने दस एकड़ में धान का फसल लिया है। उनके खेत में फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है, जिसकी कटाई जारी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने किसानों के मेहनत का मूल्य देने बड़ी पहल की है। 31 सौ रूपये क्विंटल में धान की खरीदी करने के साथ ही एक एकड़ में 21 क्विंटल धान बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। इससे सभी किसानों को बहुत फायदा होगा। अमोल ने बताया कि उनके द्वारा उपार्जन केंद्र कराईनारा में धान विक्रय किया जाता है, जहां किसानों की सहूलियत के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।समय पर टोकन मिल जाने से किसानों को धान विक्रय में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

ग्राम लिमडीह निवासी रूपेश कंवर का कहना है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने के साथ ही धान विक्रय के लिए किसानों के हित में प्रशासन द्वारा कराई गई व्यवस्था सराहनीय है। जिससे किसानों में हर्ष व्याप्त है। टोकन के लिए शासन द्वारा मोबाईल एप की भी सुविधा दी गई है। इससे किसान आसानी से टोकन प्राप्त कर निर्धारित तिथि को अपना धान बेच पायेंगे।

इधर धान खरीदी की तैयारी को लेकर कलेक्टर  अजीत कुमार वसंत ने भी विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर निर्देश दिया है कि जिले के पात्र किसानों से धान खरीदी के लिए सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए, सकारात्मक वातावरण बनाएं और जिले के किसी भी किसानों को कोई परेशानी न हो। कलेक्टर ने अवैध धान की खरीदी बिक्री को रोकने के लिए कोचियों, बिचौलियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है। उन्होंने धान खरीदी की आरंभिक तैयारी के संबंध में एसडीएम, तहसीलदार, कृषि, खाद्य, सहकारिता, विपणन संघ, नागरिक आपूर्ति निगम, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित एवं मंडी विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर ने शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केंद्र, संग्रहण केंद्र एवं राइस मिलों में सीसीटीवी लगाने एवं बैकअप रखने के निर्देश देते हुए बैंक मैनेजर को निर्देश दिए हैं कि बड़े और छोटे किसानों से समानता का व्यवहार करते हुए नियमानुसार भुगतान किया जाए। धान का अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी निर्धारित की गई है। धान कॉमन के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल तथा धान ग्रेड ए के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। उपार्जन हेतु लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 2 टोकन तथा बड़े किसानों के लिए 3 टोकन जारी किए जाएंगे। मोबाइल ऐप टोकन तुंहर हाथ के माध्यम से आसानी से टोकन प्राप्त कर धान उपार्जन किया जाएगा। इसके साथ ही समिति के माध्यम से रविवार से शुक्रवार तक सुबह 9ः 30 बजे से शाम 5 बजे तक टोकन जारी किए जाएंगे। धान खरीदी के लिए किसानों को न्यूनतम 7 दिवस के बाद का टोकन जारी किया जाएगा।

कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्रो की आरंभिक व्यवस्था के लिए उपयुक्त स्थल का चयन, विद्युत व्यवस्था, कम्प्युटर सेट, यूपीएस, इंटरनेट कनेक्शन, डाटा एंटी्र ऑपरेटर की व्यवस्था, हमाल, मानव संशोधन, पॉलिथीन, बैनर, पोस्टर, पीने का पानी, प्राथमिक उपचार पेटी, समर्थन मूल्य के प्रदर्शन हेतु बैनर, बायोमेट्रिक डिवाईस, आर्द्रतामापी यंत्र, इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, कांटाबांट, नापतौल विभाग से सत्यापन, स्थानीय स्तर पर निगरानी समिति, शिकायत कॉल सेंटर नंबर, बारदानो की उपलब्धता, नये बारदाने, पुराने बारदाने, पीडीएस बारदाने, रंग सुतली, नोडल अधिकारी /खाद्य अधिकारी/ अन्य अधिकारियों के नंबरों का प्रदर्शन के निर्देश दिए हैं।