समय के सदुपयोग का बहुत अच्छा माध्यम है हमें कभी भी सीखने से परहेज नहीं करना चाहिए- डॉक्टर संजय गुप्ता प्राचार्य, आई पी एस दीपका
समर कैंप से कुछ दिनों के लिए बच्चे मानसिक रुप से सक्रिय हो जाते हैं-डॉक्टर संजय गुप्ता (प्राचार्य, आई पी एस दीपका
वर्तमान समय में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को हर जगह समय पर पहुंचने और हर काम समय पर करने का नियम बनाना चाहिए
आई0पी0एस0-दीपका में समर कैंप का हुआ रंगारंग समापन।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों के सर्वांगीण विकास होता है-डॉ संजय गुप्ता
कोरबा / स्कूल की छुट्टियों के बाद जहाँ एक ओर बच्चे अपने-आप को पढ़ाई के तनाव से हल्का महसूस करते हैं वहीं दूसरी ओर यदि गरमी की छुट्टियों में कुछ सीखने का अवसर मिले तो बात ही कुछ अलग व रोचक हो जाती है।जिससे जहाँ एक ओर बच्चों के समय का सदुपयोग भी हो जाता है और बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को भी परवाज मिलता है।बच्चे का दिमाग सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहता है और वे सीखी हुई कला को लंबी अवधि तक याद रखकर उसे अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं।
विद्यालयीन ग्रीष्मावकाश ही एक ऐसा समय होता है जब बच्चों के ऊपर पढ़ाई का दबाव नगण्य होता है, ऐसे में यदि उन्हें अपनी प्रतिभा एवं कला को निखारने विषेष प्रोत्साहन एवं स्थान मिले तो बच्चा जीवन के हर क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ठ बन सकता है।
’दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में आयोजित’ समर कैंप का हुआ समापन । विगत दिनों से निरंतर जारी ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैंप) का समापन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। समर कैंप में विगत दिनों से लगातार विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया गया; जिसमें प्रमुख रुप से योगा; कराटे; मार्शल आर्ट; टेक्सटाइल पेंटिंग; म्यूजिक; डांस; आर्ट एण्ड क्राफ्ट; ड्राइंग एण्ड पेंटिंग; पॉटरी, स्पोर्टस(क्रिकेट एवं वाली बॉल) इत्यादि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। विभिन्न स्कूलों जैसे-डीपीएस; सेंट थामस; सर्वमंगला विद्यालय; डीएवी; सेंट पीटर इत्यादि स्कूलों के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। यहाँ यह बताना लाजिमी होगा कि आईपीएस-दीपका में विगत 8 वर्षों से बहुत ही सफल रुप से समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
’समापन समारोह में मुख्य रुप से डॉ संजय गुप्ता (प्राचार्य इंडस पब्लिक स्कूल दीपका), सब्यसाची सरकार (शैक्षणिक प्रभारी) एवं श्रीमती सोमा सरकार (शैक्षणिक प्रभारी प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी) उपस्थित एवं प्रतिभागियों सहित अभिभावक उपस्थित थे।’ सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने अपने करकमलों से दीप प्रज्जवलन कर माँ सरस्वती के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण किया; तत्पश्चात कार्यक्रम का आगाज हुआ।
मंच संचालन का कार्यभार वरिष्ठ शिक्षक श्री सुखेंदु राय ने संभाला हुआ था। मंच संचालन के बीच-बीच में श्री सुखेंदु सिंह राय के प्रेरणादायी संबोधन से दर्शक भावविभोर हो जाते थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया। विगत 15 दिनों से स्कूल परिसर में संचालित समर कैंप में दी गई विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी सुखेंदु रॉय ने उपस्थित अभिभावकों एवं बच्चों के दिया।
कार्यक्रम की कड़ी में समर कैंप का बहुत ही आकर्षक गोवा डांस की प्रस्तुति दी गई, जिसे सभी ने खूब सराहा। तत्पश्चात प्री-प्रायमरी विंग के बच्चों के द्वारा बहुत ही मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई।जुनियर विंग के बच्चों के द्वारा बहुत ही आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। समर कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों के द्वारा अद्वितीय एवं नयनाभिराम कलाओं की प्रस्तुति की प्रदर्शनी विद्यालय परिसर में लगाई गई थी। डांस प्रशिक्षक श्री हरिशंकर सारथी एवं नृत्य प्रशिक्षिका श्रीमती रुमकी हलदर ने विद्यार्थियों को आकर्षक नृत्य का प्रशिक्षण दिया था।
सभी दर्शकों ने प्रतिभागियों के सम्मान में तालियाँ बजाई। समर कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों के द्वारा मंच पर कराटे एवं मार्शल आर्ट की विविध कलाओं का प्रदर्शन किया गया। सभी प्रतिभागियों को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट प्राचार्य महोदय एवं शैक्षणिक प्रभारी के हाथों प्रदान किया गया। समर कैंप में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सक्रिय रहने वाले शिक्षकों को भी प्राचार्य महोदय एवं शैक्षणिक प्रभारी के हाथों प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिक श्री सुखेंदु सिंह राय ने किया।
’ *श्री सब्यसाची सरकार(शैक्षणिक प्रभारी उच्च कक्षा स्तर) ने* ’ कहा कि स्कूलों में इस प्रकार के कार्यक्रम से न सिर्फ बच्चे मानसिक रुप तरोताजा महसूस करते हैं बल्कि विद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों के सर्वांगीण विकास भी होता है।
*’शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार ने’* अपने उद्बोधन में कहा कि समर कैंप में न सिर्फ बच्चों के समय का उपयोग होता है अपितु वे विभिन्न कलाओं में इस कालखंड में पारंगत भी हो जाते हैं। समर कैंप हमें अपने हुनर को तराशने का अवसर देता है । यह समय के सदुपयोग का बहुत अच्छा माध्यम है । हमें कभी भी सीखने से परहेज नहीं करना चाहिए। हमें जिंदगी भर सीखने रहने का प्रयास करना चाहिए । सीखने के लिए विनम्रता आवश्यक है। यदि हम विनम्र हैं तो हम ज्ञान को आसानी से ग्रहण करते हैं । सीखने के साथ-साथ अपने संशय को दूर करने हेतु तर्क भी करना आवश्यक है ।अतः हमारे दृष्टिकोण से समर कैंप में हम विभिन्न कलाओं से तो पारंगत होते ही हैं साथ ही हम अपने प्रशिक्षक से विभिन्न तार्किक सवाल पूछ कर अपनी कलाओं को परवाज दे सकते हैं।
’ *विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि* ’ समर कैंप से न सिर्फ कुछ दिनों के लिए बच्चे मानसिक रुप से सक्रिय हो जाते हैं अपितु उनके समय का भी सदुपयोग होता है और बच्चे जब पुनः स्कूल वापस आते हैं तो समर कैंप की यादों को आपस में बाँटकर खुश भी होते हैं। प्रशिक्षण के रुप में सीखा हुआ ज्ञान बच्चों के मानस पटल पर हमेशा के लिए स्थाई होता है। समर कैंप विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को तराशने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। समर कैंप में विद्यार्थियों के अंदर सामाजिकता, नेतृत्व, अनुशासन व परस्पर सहयोग की भावना का विकास होता है। स्वयं के प्रतिभाओं को निखार कर व्यक्तित्व के विकास का अच्छा माध्यम है । समर कैंप में दोस्तों संग मौज-मस्ती करने का मौका मिलता है, जिससे हैवी सिलेबस का प्रेशर कम हो जाता है। गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप बच्चों की स्किल डेवलप करने के लिए काफी फायदेमंद है।