इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने चुनावी प्रक्रिया में भाग लेकर जाना लोकतंत्र में चुनाव का महत्व
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत चुनावी प्रक्रिया की बारीकियोंको जाना करीब से ,अलग-अलग दल के नेताओं ने किया चुनाव प्रचार एवं चुनाव जीतकर मनाया जश्न
कोरबा/ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस : चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तियों का चुनाव होता है। वस्तुतः चुनाव का प्रयोग व्यापक स्तर पर होने लगा है और यह निजी संस्थानों, क्लबों, विश्वविद्यालयों, धार्मिक संस्थानों आदि में भी प्रयुक्त होता है।
भारतीय लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया के अलग-अलग स्तर हैं लेकिन मुख्य तौर पर संविधान में पूरे देश के लिए एक लोकसभा तथा पृथक-पृथक राज्यों के लिए अलग विधानसभा का प्रावधान है।
भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 324 निर्वाचनों का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना बताता है। संविधान ने अनुच्छेद 324 में ही निर्वाचन आयोग को चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी है। 1989 तक निर्वाचन आयोग केवल एक सदस्यीय संगठन था लेकिन 16 अक्टूबर 1989 को एक राष्ट्रपती अधिसूचना के द्वारा दो और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई।
लोकसभा की कुल 543 सीटों में से विभिन्न राज्यों से अलग-अलग संख्या में प्रतिनिधि चुने जाते हैं। इसी प्रकार अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं के लिए अलग-अलग संख्या में विधायक चुने जाते हैं। नगरीय निकाय चुनावों का प्रबंध राज्य निर्वाचन आयोग करता है, जबकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में होते हैं, जिनमें वयस्क मताधिकार प्राप्त मतदाता प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से सांसद एवं विधायक चुनते हैं। लोकसभा तथा विधानसभा दोनों का ही कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। इनके चुनाव के लिए सबसे पहले निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करता है। अधिसूचना जारी होने के बाद संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के तीन भाग होते हैं- नामांकन, निर्वाचन तथा मतगणना। निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन पत्रों को दाखिल करने के लिए सात दिनों का समय मिलता है। उसके बाद एक दिन उनकी जांच पड़ताल के लिए रखा जाता है। इसमें अन्यान्य कारणों से नामांकन पत्र रद्द भी हो सकते हैं। तत्पश्चात दो दिन नाम वापसी के लिए दिए जाते है ताकि जिन्हे चुनाव नहीं लड़ना है वे आवश्यक विचार विनिमय के बाद अपने नामांकन पत्र वापस ले सकें। 1993 के विधानसभा चुनावों तथा 1996 के लोकसभा चुनावों के लिए विशिष्ट कारणों से चार-चार दिनों का समय दिया गया था। परंतु सामान्यत: यह कार्य दो दिनों में संपन्न करने का प्रयास किया जाता है। कभी कभार किसी क्षेत्र में पुन: मतदान की स्थिति पैदा होने पर उसके लिए अलग से दिन तय किया जाता है। मतदान के लिए तय किये गए मतदान केंद्रों में मतदान का समय सामान्यत: सुबह 7 बजे से सायं 5 बजे तक रखा जाता है।
*उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विद्यार्थियों* को लोकतंत्र में मतदान का महत्व समझाने हेतु एवं चुनाव प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करने हेतु मॉडल इलेक्शन प्रक्रिया का आयोजन किया गया। इस चुनाव प्रक्रिया में विद्यार्थियों को अलग-अलग दल में विभाजित किया गया तथा प्रत्येक दल से एक-एक उम्मीदवार का चयन किया गया। प्रत्येक दल का नाम भी अलग-अलग रखा गया।
जैसे- यूथ पावर ऑर्गेनाइजेशन, अखंड जनता पार्टी,वुमन एंपावरमेंट पार्टी एवं स्वराज जनता पार्टी। सभी पार्टी ने अपने पक्ष में मतदान करने हेतु विद्यार्थियों के मध्य जा जाकर जोर शोर से प्रचार प्रसार किया। सभी चुनाव पार्टी को अलग-अलग चुनाव चिन्ह भी प्रदान किया गया था। डमी इलेक्शन कमिशन भी बनाया गया था। कक्षा नवमी एवं 11वीं के विद्यार्थियों ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान में पूरी गोपनीयता बरती गई।
अंत में चुनाव परिणाम की घोषणा की गई। स्वराज जनता पार्टी ने सबसे अधिक वोट प्राप्त किया एवं चुनावी प्रक्रिया में विजय का तिलक स्वराज जनता पार्टी के उम्मीदवार पर लगाया गया। यूथ पावर ऑर्गेनाइजेशन पार्टी में कक्षा दसवीं से विराट ,विशेष, ऋषभ बिरयानी एवं प्रियंका ने कार्यभार संभाला, वुमन एंपावरमेंट पार्टी से स्वीटी, सानिया, शक्ति एवं जीशान ने कार्यभार संभाला , अखंड जनता पार्टी से भीष्म पियूष सारथी और प्रिया ने चुनावी प्रचार प्रसार में हिस्सा लिया तथा स्वराज जनता पार्टी से सागर रोशन माही और अमित ने अपने पार्टी का परचम लहराया।
पूरी चुनावी प्रक्रिया को शांति ढंग से आयोजित करने में इलेक्शन कमीशन के मेंबर के रूप में तनिष कुमार ,प्राची, संगम सिहाग, शिवम अंशिका एवं क्षितिज ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस पूरे आयोजन का एकमात्र उद्देश्य यही था कि विद्यार्थी देश की लोकतांत्रिक पद्धति के बारे में जाने एवं समझे। चुनाव की प्रक्रिया से अवगत होवें।विद्यार्थी चुनाव की पेचीदगियों एवं बारीकियां को करीब से समझें ।चुनावी प्रक्रिया को समझने का प्रयास करें। चुनावी प्रक्रिया का यह बेहतरीन आयोजन विद्यालय की सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका सुश्री तान्या ज्योत्सना के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
सुश्री तान्या ज्योत्सना ने कहा कि यह विद्यार्थी हमारे देश के भविष्य हैं। यह आने वाले कल का चेहरा है। इन्हें देश की लोकतांत्रिक पद्धति के बारे में बताना अनिवार्य है ।देश की कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका को बताना अनिवार्य है ।इन्हें यह बताना आवश्यक है कि हमारे सांसद में कानून किस प्रकार पारित होता है। चुनावी प्रक्रिया किस प्रकार पूरी होती है ।कोई पार्टी चुनाव कैसे में शामिल होती है और चुनाव प्रक्रिया कैसे संपन्न होती है ।यह उनके ज्ञान में वृद्धि करने में अवश्य ही सहायक होगा।
जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा बनाया गया शासन ही लोकतंत्र है ,लोकतंत्र हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है ।लोकतंत्र में निष्पक्षता एवं ईमानदारी महत्वपूर्ण होता है – डॉक्टर संजय गुप्ता
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि* पढ़े हुए ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण सीखा हुआ एवं किया हुआ ज्ञान होता है। सीखा हुआ ज्ञान चिरस्थाई होता है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी को करके सीखने हेतु प्रेरित किया जाता है। सामाजिक विज्ञान में लोकतंत्र में चुनाव का महत्व एक महत्वपूर्ण पाठ है ।विद्यार्थियों को चुनाव की प्रक्रिया से बेहतरीन ढंग से अवगत कराया गया ।उन्हें नामांकन पद्धति से लेकर चुनाव प्रक्रिया की पूरी जानकारी एक क्रियाकलाप के माध्यम से प्रदान की गई । यह उनके ज्ञान को बढ़ाने में अवश्य ही सहायक सिद्ध होगा।चुनाव मतदान की एक प्रक्रिया है जिसमें आम जनता तय करती है कि संसद, विधान मंडल आदि जैसे प्रतिनिधि संस्थानों में राष्ट्र के लिए काम करने के लिए शासकीय निकाय में कौन-कौन शामिल होना चाहिए। देश का प्रत्येक नागरिक 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद मतदान कर सकता है। चुनाव कराने के लिए इन दिनों दो प्रणालियाँ, जिनमें से कोई भी इस्तेमाल की जा सकती है, हैं बैलेट सिस्टम (एक बैलेट पेपर को राजनीतिक दल के नाम के साथ सुरक्षित बॉक्स में रखना) या इलेक्ट्रॉन वोटिंग मशीन (पसंदीदा विकल्प के नाम के सामने बटन दबाना और फिर उस विकल्प को संग्रहीत करना। भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते, नियमित रूप से और संयमित रूप से चुनाव कराने की इस प्रक्रिया से बच नहीं सकता। हर बार चुनाव होने पर पूरी आबादी के लिए चुनाव कराना एक महत्वपूर्ण विचार है।चुनाव नागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने और यह चुनने का एक समान रूप से प्रबंधित तरीका प्रदान करते हैं कि उनके और उनके राष्ट्र के लिए कौन और क्या सबसे अच्छा है। चुनाव संविधान के तहत एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं, जो लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों को साकार करती हैं।