मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होती है। यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है।
जब मच्छर किसी मलेरिया-ग्रस्त व्यक्ति का खून चूसता है, तो वह परजीवी को अपने शरीर में ले लेता है। इसके बाद, जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो यह परजीवी उस व्यक्ति के खून में चला जाता है, जिससे मलेरिया हो सकता है।
मलेरिया से बचने के उपाय
1. मच्छरों से बचाव करें:
- मच्छरदानी का उपयोग: रात में सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
- मच्छर भगाने वाले उत्पाद: मच्छर भगाने वाली क्रीम, स्प्रे या अगरबत्ती का इस्तेमाल करें।
- पूरी बांह के कपड़े पहनें: शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, विशेषकर शाम और रात में।
- जाली लगवाएं: खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छर रोधी जाली लगाएं।
2. पानी का ठहराव रोकें:
- पानी जमा होने वाले स्थानों जैसे गमले, कूलर, बाल्टी, और टायर की नियमित सफाई करें।
- आसपास जलभराव न होने दें।
- रुके हुए पानी में कीटनाशक या तेल का छिड़काव करें।
3. घर के अंदर सफाई बनाए रखें:
- घर को साफ और हवादार रखें।
- मच्छरों को दूर रखने के लिए नीम का धुआं या अन्य प्राकृतिक उपाय अपनाएं।
4. यात्रा के दौरान सावधानी बरतें:
- मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- मलेरिया-रोधी दवाएं लें, यदि आप मलेरिया प्रवण क्षेत्र में जा रहे हैं।
5. खान-पान का ध्यान रखें:
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन करें।
- पानी उबालकर या फिल्टर कर पीएं।
मलेरिया के लक्षणों पर ध्यान दें:
- तेज बुखार और ठंड लगना।
- सिरदर्द और बदन दर्द।
- कमजोरी और थकावट।
- उल्टी और पसीना आना।
अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मलेरिया का सही समय पर इलाज बेहद जरूरी है।