बिलासपुर। रेंज साइबर थाना बिलासपुर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर की जा रही बड़ी साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता मिली है। साइबर थाना टीम ने भय दिखाकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह के आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर वर्चुअल नंबर, फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से 57 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है।
मिली जानकारी के अनुसार थाना सिविल लाइन बिलासपुर से जांच हेतु प्राप्त अपराध क्रमांक 883/25 धारा 318(4), 309 बीएनएस एवं आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।
फर्जी केस से बचाने के नाम पर की ठगी
इस मामले में प्रार्थी को अज्ञात आरोपियों द्वारा वर्चुअल मोबाइल नंबर व व्हाट्सएप के माध्यम से कॉल कर मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त होने का डर दिखाया गया। केस से बचाने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर पीड़ित से कुल 57 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए गए।
जांच में खुला खातों का कनेक्शन
विवेचना के दौरान साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से अद्यतन जानकारी, बैंक खातों का विवरण, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए। जांच में आरोपियों के बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) और दिल्ली क्षेत्र से जुड़े होने के संकेत मिले।
पुलिस महानिरीक्षक रेंज बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर निरीक्षक गोपाल सतपथी के नेतृत्व में विशेष टीम दिल्ली रवाना की गई। लगातार तीन दिन की पतासाजी के बाद टीम ने मनिंदर सिंह 54 वर्ष निवासी शिकारपुर, जिला बुलंदशहर को स्थानीय पुलिस के सहयोग से तलब कर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करना स्वीकार किया।
लेगेसी लोन नामक एप का किया इस्तेमाल
आरोपी मनिंदर सिंह फर्जी सिम, वर्चुअल नंबर और बैंक खातों का उपयोग कर ठगी की राशि सोशल मीडिया पर प्रचारित “लेगेसी लोन” नामक ऐप के माध्यम से आहरण करता था। वह कमीशन के लालच में अपनी फर्म “शिकारपुरिहा रियालिटी प्रा.लि.” के करंट अकाउंट में ठगी की रकम मंगवाकर निकालता था। इस कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में साइबर थाना टीम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहनीय भूमिका रही।

