माँ सर्वमंगला देवी मंदिर में हवन-पूजन, जवारा विसर्जन के साथ नवरात्रि का समापन
कोरबा/ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस : महा अष्टमी को हवन अनुष्ठान के पश्चात महानवमी शुक्रवार के दिन नवरात्र की समाप्ति के साथ माँ सर्वमंगला देवी मंदिर में विराजित मनोकामना ज्योति कलश व जवारा का विसर्जन शोभायात्रा निकाल कर हसदेव नदी में किया गया। बाजे- गाजे के साथ सिर पर ज्योति कलश और ज्वारा लिए कन्याएं व महिलाएं चल रही थीं । मंदिर परिसर का भ्रमण के बाद वे हसदेव नदी पहुंची। यहां माँ सर्वमंगला देवी मंदिर के राजपुरोहित पं. नन्हा पाण्डेय सहित अन्य पुजारियों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद विसर्जन कराया। सर्वमंगला मंदिर के राजपुरोहित एवं प्रबंधक नमन पांडे ने बताया कि नवमी तिथि को ही नवरात्रि के पहले दिन स्थापित किए गए जवारों का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है।
जवारे विसर्जन के पूर्व दुर्गा माता तथा जवारों की विधि-विधान से पूजा की जाती है, उसके बाद जवारे का विसर्जन किया जाता है। दुर्गा माता की आराधना के लिए नवरात्रि के नौ दिन महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वहीं पूरे नौ दिन मां की पूजा और आराधना के बाद दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। दुर्गा विसर्जन के बाद ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है।