इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में “सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा ही भविष्य की सफलता का आधार” विषय पर हुई प्रेरक कार्यशाला


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में “सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा ही भविष्य की सफलता का आधार” विषय पर हुई प्रेरक कार्यशाला

कॉन्फिडेंट रहें,पॉजिटिव रहें।अपनी ऊर्जा और शक्ति को पहचानें।गर्व करें कि आप युवा ही देश के भावी कर्णधार हैं- डॉ संजय गुप्ता

कोरबा / दीपका : युवा शक्ति किसी भी देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा ही देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। यह देखा जा सकता है कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। इतना ही नहीं समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।

युवा शक्ति वस्तुतः युवा समूहों की आत्मिक एवं वाह्य शक्ति का योग है। उनकी आत्मिक शक्ति के निर्माण में संस्कार, प्रेरणा, ज्ञान एवं अनेक मानवीय मूल्यों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसमें शिक्षा की सर्वाधिक भूमिका होती है। यही आत्मिक शक्ति उनकी वाह्य शक्ति के रूप में परिलक्षित होती है।
युवा देश की आबादी का सबसे जीवंत और संसाधन पूर्ण हिस्सा है, इनकी सामाजिक, आर्थिक विकास के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका है। गरीबी से बाहर आने एव आजीविका विकास के लिए उनकी आंतरिक क्षमताओं को बाहर लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिससे कि वे स्वस्थ एवं सार्थक जीवन यापन कर सकें ।

परीक्षा का भय छात्रों के जीवन में एक महत्वपूर्ण और आम समस्या है। यह भय उन्हें प्रतिस्पर्धा, समय प्रबंधन, और प्रदर्शन के दबाव के कारण होता है। परीक्षा से जुड़ी चिंताएं उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकती हैं, जो उनके पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।एक स्टूडेंट की जिंदगी में एग्जाम सबसे अहम चरण होता है। जिसमें स्टूडेंट्स को अच्छे मार्क्स और शानदार करियर के लिए एग्जाम के समय जीवन में बहुत बार तनाव का सामना करना पड़ता हैं। कुछ स्टूडेंट्स तो ऐसे भी होते है चाहे वह कितनी ही तैयारी क्यों न कर ले, फिर भी एग्जाम में कम मार्क्स और असफल होने का डर उन्हें तनाव की स्थिति में डाल देता है।
इसके अलावा अभिभावकों और सामाजिक दबाव भी स्टूडेंट्स को एग्जाम के समय तनाव की ओर ले जाता हैं। वहीं बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो एग्जाम के समय सही से पढ़ाई न करने के कारण तनाव में आ जाते हैं। जिसके कारण स्टूडेंट्स बहुत सी गंभीर स्थिति का सामना करते हैं।
*परीक्षा से संबंधित इसी तनाव एवं दबाव तथा आज की स्थिति में युवाओं के अंदर छिपी हुई ऊर्जा को जागृत एवं प्रज्वलित करने के उद्देश्य से इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा ही भविष्य की सफलता का आधार विषय पर* मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार में प्रमुख रूप से मोटिवेशनल स्पीकर मिस्टर उल्लास नायर एवं मिस शालू ने* विद्यालय के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इस कार्यशाला में कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों ने शिरकत की और मंत्र मुग्ध होकर इस कार्यशाला से बहुत कुछ सीखा एवं ज्ञान अर्जन किया।

भारत वैसे तो पूरी दुनिया में अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए जाना जाता है ,लेकिन आज की स्थिति में सबसे युवा देश होने का दर्जा भी हमारे देश को ही प्राप्त है,ये गर्व का विषय – उल्लास नायर

श्री उल्लास नायर ने विद्यार्थियों को ऊर्जा से लबरेज करते हुए बताया कि हम चाहें तो क्या नहीं कर सकते हैं ,पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा हमारे अंदर समाई हुई है। जरूरत है तो सिर्फ उसे जानने पर पहचान की। आपको जानकर आश्चर्य होगा की पूरी दुनिया की आबादी में जितने युवा होंगे उस परिपेक्ष्य में पूरी दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा युवा देश हमारा भारत ही है। अर्थात शक्ति और ऊर्जा का भंडार है हमारे राष्ट्र में। भारत वैसे तो पूरी दुनिया में अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए जाना जाता है ,लेकिन आज की स्थिति में सबसे युवा देश होने का दर्जा भी हमारे देश को ही प्राप्त है। आप सोचिए कि ऊर्जा और शक्ति का भंडार है हम सब के अंदर। हम चाहें तो कौन सा ऐसा लक्ष्य जिसको प्राप्त नहीं कर सकते। रही बात परीक्षा की तो किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए हमें किसी न किसी प्रकार की परीक्षा से तो गुजरना ही होगा तभी हम अपनी काबिलियत को सिद्ध कर उसे लक्ष्य को हासिल करते हैं। याद रहे बिना परिश्रम के प्राप्त लक्ष्य स्थाई नहीं होता ।यदि आपने परिश्रम करके उसे लक्ष्य को हासिल किया है तो बेशक आप अपने लक्ष्य का सम्मान करेंगे। *परीक्षा की तैयारी के लिए हार्ड वर्क की जरूरत नहीं होती बल्कि स्मार्ट वर्क की जरूरत होती है*। स्मार्ट वर्क करके हम अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं ।समय के साथ अपने आप को अपडेट रखना अति आवश्यक है, क्योंकि अभी चारों ओर गला काट प्रतिस्पर्धा परिरक्षित होती है।

याद रहे यदि आप समय को नष्ट करोगे तो, समय आपको नष्ट कर देगा। या दूसरे शब्दों में कहें कि ‘ यदि आपने समय का इज्जत नहीं किया, तो समय आपको इज्जत नहीं देगा’ आप इसे ही गुरु मंत्र बनाकर आगे बढ़ें – मिस शालू

मिस शालू ने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि यदि आपने अभी से अपनी जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है तो आपको उस दिशा में निरंतर प्रयास करना अति आवश्यक है। अपने लक्ष्य को इतना महान बना दीजिए कि व्यर्थ के लिए आपके पास समय ही ना बचे। *याद रहे यदि आप समय को नष्ट करोगे तो, समय आपको नष्ट कर देगा। या दूसरे शब्दों में कहें कि ‘ यदि आपने समय का इज्जत नहीं किया, तो समय आपको इज्जत नहीं देगा’ आप इसे ही गुरु मंत्र बनाकर आगे बढ़े।
परीक्षा के प्रति भाई अपने मन में बिल्कुल ना रखें परीक्षा को आप इंजॉय कीजिए परीक्षा को आप ऐसे लीजिए जैसे आपका टैलेंट की परख अब हो रही है आप में कौन सी कमी है और कौन सी खूबी है इस चीज से रूबरू कराती है कोई भी परीक्षा आप अपनी कमियों पर लगातार कम कीजिए और खूबियों को लगातार निखारिए, यही समझ में आपको अपना स्थान बनाने में मदद करेगा। आप अपने अंदर छिपी हुई उत्साह और ऊर्जा को पहचानिए। उसको सुषुप्तावस्था में न जाने दें। हमेशा जागृत रखें। हमेशा अपने शिक्षकों के संपर्क में रहें। यदि कोई परेशानी है तो अपने शिक्षकों से अवश्य सलाह लें। तुरंत अपनी समस्याओं
का समाधान करते जाएं।
यह अवश्य याद रखिए कि प्रतिदिन का आपका छोटा-छोटा प्रयास ही आपको बड़ी सफलता दिलाने में कारगर साबित होती है। जिस प्रकार बूंद बूंद से घड़ा भर जाता है , उसी प्रकार आपका छोटा-छोटा प्रयास आपको बड़ी तैयारी करने में मदद करता है ।इसे ही आप अपनी जिंदगी का गुरु मंत्र बना लीजिए। समय की इज्जत कीजिए तो समय आपको इज्जत देगा।

यदि आपमें काबिलियत है तो दुनिया आपके कदम चूमेगी।आप भीड़ का हिस्सा नहीं होंगे अपितु आपके आस – पास भीड़ होगी – डॉ संजय गुप्ता

विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि
एग्जाम के दिन नजदीक आते ही बहुत से स्टूडेंट्स में तनाव और डर की स्थिति रहती है। जिसके बहुत से कारण हो सकते हैं क्योंकि वर्तमान समय में स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम एक ऐसी बड़ी चुनौती की तरह हो गया है। जिसका आंकलन हार या जीत से किया जाता हैं और हार का यही डर स्टूडेंट्स के लिए तनाव और भय का सबसे बड़ा कारण बनता हैं। जिसके कारण स्टूडेंट्स को सर दर्द, भूख लगना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, अकेलापन और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं
वहीं, लंबे समय तक ऐसी परिस्थिति में रहने से भविष्य में बहुत प्रतिकूल परिणाम भी देखने को मिलते हैं। एग्जाम के समय ऐसी गंभीर स्थिति से बचने के लिए स्टूडेंट्स को अपना सही टाइम टेबल जिसमें उन्हें एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद, एग्जाम की तैयारी और एग्जाम रिवीजन का कंप्लीट प्लान बनाना चाहिए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए।

परीक्षा को बिना डरे ,बिना किसी तनाव के दिलाएं।हमेशा सकारात्मक रहें।समय पूर्व तैयारी पुख्ता रखें।कॉन्फिडेंट रहें,पॉजिटिव रहें।अपनी ऊर्जा और शक्ति को पहचानें।गर्व करें कि आप युवा ही देश के भावी कर्णधार हैं। याद रहे कोई भी परीक्षा आपकी काबिलियत से बड़ी नहीं है।यदि आपमें काबिलियत है तो दुनिया आपके कदम चूमेगी।आप भीड़ का हिस्सा नहीं होंगे अपितु आपके आस पास भीड़ होगी।