लिवर में सूजन आने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, ज्यादा दिन तक नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी


हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग होता है लिवर, जिसे हिंदी में जिगर कहते हैं। लिवर शरीर में खाना पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने, पित्त का उत्पादन करने और ग्लूकोज को स्टोर करने का काम करता है। लिवर शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है और ये अपने आप ठीक होता रहता है। लेकिन कई बार लिवर में खराबी आने लगती है। लिवर की कोशिकाओं में जब फैट की मात्रा बढ़ने लगती है तो लिवर में सूजन आने लगती है। जिसे सामान्य भाषा में फैटी लिवर कहते हैं। फैटी लिवर होने पर हमारे शरीर में कैलोरी की मात्रा फैट में बदल जाती है। जिससे लिवर सेल्स में फैट जमने लगता है। आइये जानते हैं लिवर में सूजन आने पर क्या लक्षण दिखते हैं और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?

 

लंबे समय तक लिवर में सूजन बनी रहने से लिवर डैमेज भी हो सकता है। जब लिवर में फैट की मात्रा लिवर के 10% हो जाती है तो ये फैटी लिवर बन जाता है। फैटी लिवर होने पर पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। कई बार फैटी लिवर के लक्षण देर से पता चलते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों को हम नजरअंदाज कर देते हैं।

 

लिवर में सूजन के लक्षण

  • भूख में कमी होना
  • गैस एसिडिटी और ब्लोटिंग
  • दिनभर थकान महसूस होना
  • आंख और नाखून पीले होने
  • पेशाब का रंग भी गहरा पीला आना
  • कई बार उल्टी जैसी महसूस होना
  • पेट के दाहिनी ओर ऊपरी हिस्से में दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • हाथ पैरों और स्किन पर खुजली

 

लिवर में सूजन आने के क्या हैं कारण?

लिवर में सूजन का सबसे बड़ा कारण है आपकी खराब और अनहेल्दी लाइफस्टाइल। अगर आप बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। खाने में ज्यादा तेल मसाला खाते हैं। अगर आफ टाइप 2 डाइबिटीज के मरीज हैं। बहुत ज्यादा मोटे हैं और कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं। खून में फैट ज्यादा है और हाई कोलेस्ट्रॉल है तो फैटी लिवर या लिवर में सूजन हो सकती है। जिन लोगों को मेटाबोलिज्म कमजोर होता है या फिर किसी को आनुवंशिक कारणों से भी ऐसा हो सकता है।

लिवर में सूजन आने पर क्या करें?

अगर आपके लिवर में सूजन है तो सबसे पहले डॉक्टर को दिखाएं और दवा खाएं। इसके साथ ही लाइफस्टाइस को हेल्दी बनाएं। रोजाना व्यायाम करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। नारियल पानी, दाल, दाल का पानी, छाछ जैसी चीजों खाएं। खाने में लहसुन का सेवन करें। रात को देर से खाने से बचें। शाम 7-8 बजे तक खाना खा लें। गैस वाली चीजों का सेवन कम करें। खाना खूब चबा-चबाकर खाएं। डाइय में ब्रोकली, मछली, अवोकेडो जैसी चीजों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।