आईएएस अधिकारी संजीव हंस के 13 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, 60 करोड़ से ज्यादा के मिले शेयर


नई दिल्ली/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और अन्य के खिलाफ 13 जगहों पर रेड कार्रवाई की। ये छापेमारी संजीव हंस के करीबी सहयोगियों और रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्र में शामिल अन्य पार्टियों के परिसरों पर की गई।

जानकारी के मुताबिक़ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंगलवार को दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में 13 स्थानों पर तलाशी ली। संजीव हंस के कुछ करीबी सहयोगियों और रियल एस्टेट समेत कई करीबियों के ठिकानों की जांच की गई। छापेमारी में कई अहम् दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।

जांच में पता चला है कि आईएएस संजीव हंस ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए जितनी कमाई की थी। उसे सफ़ेद करने में गुलाब यादव और अन्य सहयोगियों ने उनकी मदद की थी। इसके अलावा छापेमारी में करोड़ों रुपए खपाने के सबूत भी ईडी को मिले हैं। जिनमें अधिकांश पैसे संजीव हंस और उनके कुछ करीबियों के हैं।

संजीव हंस के एक करीबी सहयोगी के परिवार के सदस्यों के डीमेट अकाउंट में 60 करोड़ रुपये के शेयर पाए गए हैं, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। साथ ही 70 बैंक खातों का विवरण मिला है। आशंका जताई जा रही है कि आय को छिपाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है। ईडी ने 70 बैंक खातों में शेष राशि को फ्रीज कर दिया है। ईडी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में 70 बैंक खातों में 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिली है। इसके अलावा अन्य के परिसरों से 16 लाख रुपये विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपये की नकद भी मिले हैं।

क्या है मामला- पिछले साल जनवरी में एक महिला ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस के खिलाफ पटना के रूपसपुर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। महिला ने शिकायत में बताया था कि 2016 में संजीव हंस के दोस्त और पूर्व विधायक गुलाब यादव ने उसे राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर पटना बुलाया और उसका दुष्कर्म किया। इसके बाद 2017 में भी गुलाब यादव ने संजीव हंस मिलकर कई होटलों में ले जाकर दुष्कर्म किया। जब महिला केस करने के बात कही तो मामले को रफा दफा करने के लिए उसे 90 लाख रुपए कैश और एक लग्जरी कार भी दी गई थी। पटना पुलिस जब जांच में जुटी जांच में महिला अधिवक्ता के आरोप सही साबित हुए। वहीं 90 लाख रुपए की बड़ी रकम और लग्जरी कार का मामला सामने आने के बाद संजीव हंस और गुलाब यादव के केस में ईडी की एंट्री हुई।

जिसके बाद ईडी ने आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले में संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी और उनसे पूछताछ शुरू की। छापेमारी में संजीव हंस के आवास से 40 लाख की कीमत की विदेशी कंपनियों की 15 बेशकीमती घड़ियां भी बरामद की गईं थीं। इसके साथ ही एक किलो से ज्यादा सोना और जेवरात भी बरामद हुए थे। इसके आलावा संजीव हंस के पास चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉट भी है। संजीव हंस के अकाउंट से कई खातों में बड़ी रकम भी भेजी गई। साथ ही सरकारी पदों पर रहते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाने और लेनदेन के दस्तावेज हाथ लगे हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजीव हंस और गुलाब यादव अब जेल में बंद हैं।

कौन है IAS संजीव- संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मूलतः वे पंजाब राज्य के रहने वाले हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1973 को हुआ है। उनके पिता राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। बीटेक करने के बाद अपने पिता से प्रेरित होकर संजीव आईएएस बने। पिता की ही प्रेरणा से संजीव ने आईएएस अफसर बनने के बारे में सोचा।

संजीव ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने हैं। संजीव हंस ने 21 अप्रैल 1998 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए बिहार के बांका जिले में एसडीएम के पद पर नियुक्ति मिली। इसके बाद वे कई जिलों के कलेक्टर रहें। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने दक्षिणी बिहार के तीन जिलों में बाढ़ के पानी को पीने योग्य पानी के रूप में लाने वाली एक अभूतपूर्व जल लिफ्ट परियोजना गंगा जल आपूर्ति योजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जल संसाधन के अलावा स्वास्थ्य विभाग के भी प्रमुख सचिव संजीव हंस रहें। सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त भी संजीव हंस रहें। संजीव हंस वर्तमान में बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड पटना के एमडी रह चुके। साथ ही बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएचपीसी) के निदेशक तथा ब्रेडा का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।