महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने किया बाल संप्रेषण गृह का निरीक्षण

कोरबा/ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस. न्यूज़: छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े एवं छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा ने कोरबा जिले में संचालित बाल संप्रेषण गृह (बालक), बाल गृह (बालिका) एवं बाल गृह (बालक) का संयुक्त निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े और अध्यक्ष श्रीमती शर्मा ने बच्चों से संवाद करते हुए उनकी आवश्यकताओं, उपलब्ध सुविधाओं और देखभाल की स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने संस्थाओं में स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाए रखने के निर्देश देते हुए बच्चों के रहने, खाने, स्वास्थ्य, शिक्षा और देखभाल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को पूर्णतः मानक अनुरूप सुनिश्चित करने हेतु संस्था अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन अनिवार्य है। अधिनियम अंतर्गत तैयार किए जाने वाले रिकॉर्ड, पंजी और शासन द्वारा जारी निर्देशों को अद्यतन रखने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि बच्चों से संबंधित सभी प्रक्रियाएँ नियमों के अनुरूप संचालित हो सकें।
मंत्री एवं अध्यक्ष द्वारा सभी संस्थाओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त उपलब्धता और उनका सुचारु रूप से क्रियाशील रहना सुनिश्चित किया जाए, साथ ही प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की उचित तैनाती भी आवश्यक है। संस्थाओं के प्रवेश-द्वारों एवं संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित निगरानी को भी अनिवार्य बताया गया, ताकि बच्चों की सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी न रहे।
निरीक्षण के दौरान मंत्री एवं अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों की सुरक्षा, देखभाल, अधिकार संरक्षण एवं पुनर्वास से संबंधित सभी कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित, संवेदनशील और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना शासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है और इसे समयबद्ध रूप से पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जाना चाहिए। इस अवसर पर कलेक्टर अजीत वसन्त और डीपीओ बसंत मिंज भी उपस्थित रहे।


