बारिश की बेरुखी ने किसानों की बढ़ाई चिंता
कोरबा / छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस न्यूज़ : बारिश की बेरुखी ने जिले के किसानों की चिंता बढ़ा दी है 10 दिन हुए पूर्व बारिश के बाद बारिश एकाएक बंद हो गई है कोरबा जिले के अधिकतर किसान बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं ऐसे में समय पर बारिश ना होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। एक हफ्ते से अधिक का समय हो गया है बारिश नहीं हुई साथ ही तेज धूप और गर्मी पड़ रही है किसानों ने बताया कि तेज धूप पडने से खेतों मे रोपण के लिए लगायें लगे थरहा मुरझाने लगे है।
अगर ऐसा ही रहा तो बड़ी मुश्किल होने वाली है. बारिश की बेरुख़ी को लेकर क्षेत्र कि किसानों मे चिंता सताने लगी है. हफ्ते पर पहले की बात है लगातार हो रही बारिश से किसान खेती कार्य मे जुट गये थे परंतु एका एक बारिश रूकने से कृषि कार्य बाधा उत्पन्न हो गई है पिछले दिनों तेज बारिश होने से क्षेत्र के किसान धान बोआई और रोपण के लिए थरहा दिया गया था वह तैयार हो चुंका है, लेकिन अब तेज धूप निकलने से खेतों के पानी सुख गये. है तथा रोपण के लिए दिये गये थरहा पानी के अभाव मे मुरझाने लगे है । खेतों की जोताई भी नहीं की गई है । वही क्षेत्र के किसान खरीफ फसल लगाने के लिए ऋण मे एंव अधिक दाम पर दुकानों से धान बीज खरीदी किए है। किसानों ने बताया कि अब तक हुई बारिश पिछले वर्ष की तुलना मे काफी कम है दो तीन दिनों मे जमकर बारिश नहीं हुई तो थरहा नष्ट हो जायेंगे, खेतों मे धान की थरहा लहलहा रही है बारिश का इंतजार है बारिश होते ही रोपाई कार्य शुरू हो जायेगी , जिन किसानों के पास पानी के साधन जैसे बोरवेल व डिजल पंप है उन किसानो ने रोपाई कार्य शुरू कर दी है । लेकिन जिले के अधिकतर किसान सिर्फ बारिश पर निर्भर रहते हैं क्षेत्र के किसानों का कहना है खेतों मे धान रोपाई के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता है अगर यही हालत रही तो खेतों मे दिये गये थरहा नष्ट हो जायेगी । और किसानों को फिर से थरहा देना पड सकता है जिससे किसानों पर अतिरिक्त भार पडेगा।
गुरुवार की शाम कई स्थानों में हुई बारिश
हालांकि इस बीच गुरुवार को जिले के कई स्थानों पर शाम को हल्की बारिश हुई है अगर हल्की बारिश का भी यह सिलसिला लगातार दो से तीन दिनों तक जारी रहेगा तो किसानों को इसका लाभ जरूर मिल सकता है, बारिश की उम्मीद में किसान अब आसमान की ओर देख रहे हैं। जानकारों की माने तो आने वाले दो-तीन दिनों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।