नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातारण का निर्माण होगा: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन

31 मार्च 2030 तक के लिए होगी नई औद्योगिक नीति

रायपुर/ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश की नवीन औद्योगिक नीति में उद्यमियों एवं युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने वाली है। इससे प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातारण का निर्माण होगा और प्रदेश के निवासियों को रोजगार उपलब्ध होंगे। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा 14 नवम्बर को प्रदेश में नवीन औद्योगिक नीति लॉन्च की गई थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने तथा राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं। राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों हेतु प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यह नीति 31 मार्च 2030 तक के लिए होगी।
उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट. मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किये गये हैं।
इस नीति में राज्य के युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रावधानित है। राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है, को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। नक्सल प्रभावित लोगों, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
इस नीति में फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोत्पाद (एनटीएफपी) प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जी.पी.यू), आई.टी., आई.टी.ई.एस., डेटा सेंटर, जल विद्युत परियोजनाओं, सौर ऊर्जा परियोजनाओं आदि के लिए आकर्षक पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान है। राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को देश के औद्योगिक मानचित्र में स्थान दिलाने के लिये इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर की स्थापना का प्रावधान है। नई औद्योगिक नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा संबंधित सभी हितपक्षों, औद्योगिक संगठन, औद्योगिक समूहों, संबंधित विभागों के साथ एक वर्ष तक संवाद एवं गहन विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है।