आंखें हैं अनमोल रतन सुरक्षित रखकर करो जतन- डॉ संजय गुप्ता

आंखें हैं अनमोल रतन सुरक्षित रखकर करो जतन- डॉ संजय गुप्ता

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में किया गया विद्यार्थियों के नेत्रों की जांच,विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने कियाविद्यार्थियों के नेत्रों की जांच एवं दिए आवश्यक सुझाव

कोरबा / छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस : नेत्र वह इन्द्रिय है जिसकी सहायता से देखते हैं। मानव नेत्र लगभग १ करोड़ रंगों में अन्तर कर सकता है। नेत्र शरीर की प्रमुख ज्ञानेन्द्रिय हैं जिससे रूप-रंग का दर्शन होता है। मनुष्य की आंख सबसे महत्वपूर्ण प्रकाशीय उपकरण है जो प्रकाश का पता लगाता है और ऑप्टिक तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक संकेत भेजता है। यह एक आवश्यक अंग है जो हमें देखने की क्षमता देता है। यह प्रकाश संवेदन, दृष्टि और विभिन्न रंगों के बीच अंतर करने की अनुमति देता है।मानव आँख सबसे मूल्यवान और संवेदनशील इंद्रियों में से एक है, जो हमें अपने आस-पास की रंगीन दुनिया को देखने में सक्षम बनाती है। यह एक फोटोग्राफिक कैमरे की तरह है। आँख की लेंस प्रणाली प्रकाश संवेदनशील स्क्रीन पर वस्तु की छवि बनाती है। आंख पर्यावरण से प्रकाश लेते हैं और मस्तिष्क को प्रक्रिया करने के लिए दृश्य जानकारी भेजते हैं। प्रकाश कॉर्निया से होकर गुजरता है, जो एक गुंबद के आकार की संरचना है। कॉर्निया प्रकाश को मोड़कर आंख को फोकस करने में मदद करता है। आईरिस इस प्रकाश के कुछ भाग को पुतली में प्रवेश करने देता है।आँख में वास्तव में 2 लेंस होते हैं। क्रिस्टलीय लेंस और कॉर्निया दोनों ही आँख में लेंस के रूप में कार्य करते हैं।

मनुष्य का आंख का वजन 8 ग्राम होती है। मनुष्य की एक आंख के आयबाॅल का वजन औसतन २८ ग्रॅम रहता है । औसतन, मानव आंख का वजन लगभग 7.5 ग्राम होता है।देखने का कोण आंखों के सामने वस्तुओं या दृश्यों के आकार को परिभाषित करता है। प्रत्येक आँख का देखने का कोण 120-200° होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि चीज़ें कितनी बारीकी से “देखी जाती हैं।” साथ ही, आँखों के बीच ओवरलैपिंग क्षेत्र लगभग 130° चौड़ा होता है – लगभग फ़िशआई लेंस जितना चौड़ा।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से नेत्र जांच शिविर का विशेष आयोजन किया गया।
इस नेत्र जहां शिविर में सभी विद्यार्थियों का बारी-बारी से विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम ने मित्र जांच किया। नेत्र जांच कर सभी विद्यार्थियों को आवश्यक सुझाव सावधानी एवं समुचित देखभाल हेतु निर्देशित किया गया। सभी विद्यार्थी अपने-अपने कक्षा शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ कतारबद्ध होकर डॉक्टर से नेत्रों की जांच करवाकर स्वास्थ्य लाभ हेतु उचित सुझाव प्राप्त करते गए एवं आवश्यक होने पर डॉक्टर की टीम ने दवाइयां का भी सुझाव दिया एवं जिन विद्यार्थियों की आंख किसी कारणवश ज्यादा प्रभावित है उन्हें जांच कर लेंस लगाने की भी सलाह दी।

मैं प्रयोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने बहुत बारीकी से विद्यार्थियों के आंखों का परीक्षण किया एवं विद्यार्थियों को उचित सलाह देते हुए कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा मोबाइल के उपयोग से बचना चाहिए लगातार मोबाइल स्क्रीन पर नजर में स्थिर रखने से हमारी दृष्टि क्षमता कम होने का खतरा रहता है आज अधिकांश बच्चों को चश्मा सिर्फ इसी वजह से लगा मिलता है। यदि हम घर में मनोरंजन हेतु टेलीविजन के पास भी बैठते हैं तो हमें दूर में बैठना चाहिए अत्यधिक नजदीक से टीवी स्क्रीन पर भी देखने से आंखें प्रभावित होती है।

यदि आंख सही और सुरक्षित है तो आप दुनिया की हर खुशी का आनंद लेते हैं।यह ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है – डॉ रामलाल नेत्र रोग विशेषज्ञ

डॉ रामलाल (नेत्र रोग विशेषज्ञ )ने कहा कि आंखें ईश्वर का बहुमूल्य उपहार है हमें हर स्तर में इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। आंखों की रोशनी लंबे समय तक बरकरार रखने हेतु हमें विटामिन ए से भरपूर पौष्टिक आहार खाना चाहिए। शीत ऋतु में खाली पांव हमें ओस से भीगे हुए घास पर भी चलना चाहिए। हमें प्रातः काल सूर्य नमस्कार भी करना चाहिए ।उगते हुए सूरज को प्रातः कालीन बेला में लगातार देखने का प्रयास करना चाहिए। इससे भी हमारे नेत्रों की ज्योति बढ़ती है ।ज्यादा मोबाइल के उपयोग से हमें परहेज करना चाहिए। यदि आंखें हमारी स्वस्थ हैं तो हम यह समझें कि दुनिया की हर खुशी देखने के लिए हम तैयार हैं ।दर्द उनसे पूछिए जिनकी आंखें नहीं है ।या किसी कारणवश आंखों की रोशनी चली गई है। जिंदगी भर भगवान की बनाई इस खूबसूरत दुनिया को निहारना है तो हमें आंखों की भरपूर देखभाल करनी चाहिए ।हमेशा पौष्टिक भोजन लेना चाहिए आंखों को किसी भी स्तर से नुकसान होने से बचना चाहिए।
धूम्रपान से बचें। धूम्रपान से उम्र से संबंधित नेत्र रोग जैसे मैक्युलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है और ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंच सकता है ।अपने परिवार के चिकित्सा इतिहास को जानें। कुछ नेत्र रोग वंशानुगत होते हैं, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि क्या आपके परिवार में किसी को ये रोग हुए हैं। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि आपको नेत्र रोग होने का अधिक जोखिम है या नहीं।अपनी आँखों को आराम दें। अगर आप कंप्यूटर पर बहुत ज़्यादा समय बिताते हैं, तो आप पलकें झपकाना भूल सकते हैं और आपकी आँखें थक सकती हैं। आँखों की थकान कम करने के लिए, 20-20-20 नियम आज़माएँ: हर 20 मिनट में, 20 सेकंड के लिए अपने सामने लगभग 20 फ़ीट दूर देखें।

आंखें सुरक्षित हैं तो दुनिया की हर खुशी हमारे लिए सुरक्षित है : डॉ संजय गुप्ता

विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षाविद डॉक्टर संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आंखें ईश्वर का दिया हुआ बेस् कीमती उपहार है। आंखों की संरचना और आंखों का कार्य वाकई लाजवाब है। आंखें सुरक्षित हैं तो दुनिया की हर खुशी हमारे लिए सुरक्षित है। स्वस्थ आंखों से हम उगते हुए सूरज व डूबते हुए सूरज की लालिमा को निहारते हैं ,तो प्रकृति की हरियाली से गदगद होते हैं ।वहीं रात को टिमटिमाते तारों की रोशनी हमें लुभाते हैं तो कहीं पक्षियों का आसमान में चहचहाना हमें नजर आता है या इस रंग-बिरंगी दुनिया की हर खुशियों से हम पल-पल आह्लादित होते रहते हैं। यह सब संभव होता है हमारे स्वस्थ नेत्रों से। हमें इस बेसकीमती उपहार की बहुत सुरक्षा करनी चाहिए ।किसी भी स्तर से हमें इसे अस्वस्थ होने से बचना चाहिए ।समय-समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर से हमें सलाह लेते रहना चाहिए।

आपकी आंखें आपके स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ज़्यादातर लोग अपने आस-पास की दुनिया को देखने और समझने के लिए अपनी आँखों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन कुछ आँखों की बीमारियों से दृष्टि हानि हो सकती है , इसलिए आँखों की बीमारियों की जल्द से जल्द पहचान करना और उनका इलाज करना ज़रूरी है। आपको अपनी आँखों की जाँच जितनी बार हो सके उतनी बार करवानी चाहिए, जितनी बार आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इसकी सलाह देता है, या अगर आपको कोई नई दृष्टि समस्या है। और जिस तरह अपने शरीर को स्वस्थ रखना ज़रूरी है, उसी तरह आपको अपनी आँखों को भी स्वस्थ रखना चाहिए।नियमित व्यायाम करें। व्यायाम मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोकने या नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। ये रोग कुछ आंखों या दृष्टि संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आप इन आंखों और दृष्टि संबंधी समस्याओं के होने के जोखिम को कम कर सकते हैं।आँखें तो सभी प्राणियों को होती हैं, लेकिन मनुष्य में इसका अलग ही महत्व है। शरीर का सबसे ज्यादा कोमल अंग आँखें होती हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। आँखों का काम सिर्फ देखना और देखे हुए संदेश को मस्तिष्क तक पहुँचाना होता है। शरीर की खूबसूरती में भी ये सहायक हैं।