नमन पांडेय परिवार का आयोजन: महामृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में बह रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की आध्यात्मिक धारा


नमन पांडेय परिवार का आयोजन: महामृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में बह रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की आध्यात्मिक धारा

छठवें दिन कृष्ण की बाल सुलभ लीला का आनंद उठाया श्रद्धालुओं ने

 कथा वाचक:  पंडित सागर मिश्रा जी
सर्वमंगला मंदिर के प्रबंधक, राजपुरोहित पंडित नमन पांडे जी परिवार सहित

 

कोरबा/अमरकंटक। मां श्री सर्वमंगला देवी मंदिर दुरपा (कोरबा) के प्रबंधक एवं राजपुरोहित नमन पांडेय परिवार द्वारा अमरकं टक (मध्यप्रदेश ) स्थित महामृत्युंजय आश्रम में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। गत 18 मई को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। प्रथम दिन ब्यासपीठ स्थापना के साथ श्रीमद् भागवत महात्म्य का वर्णन कथा वाचक/ भागवत एवं मानस प्रवक्ता पांडातरई, कबीरधाम (छत्तीसगढ़)पंडित श्री सागर मिश्रा जी द्वारा किया गया।


पंडित सागर मिश्रा के श्रीमुख से पांडेय परिवार सहित सैकड़ों की संख्या में यहां श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद ले रहे हैं। कथा के दूसरे दिन मंगलाचरण, परीक्षित जन्म, तीसरे दिन शिवसती चरित्र, कपिल अवतार, धु्रव चरित्र का वर्णन किया गया। बुधवार चौथे दिन अजामिल कथा, वृत्तासुर वृतांत, प्रहलाद चरित्र का बड़े मार्मिक ढंग से आचार्यश्री पंडित सागर मिश्रा ने वर्णन किया। गुरूवार 22 मई को श्री वामन अवतार एवं भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव झांकी एवं संगीत के माध्यम से आचार्यश्री ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रहसन आया और पांडेय परिवार ने भगवान श्री कृष्ण का जन्म होते ही झांकी की प्रस्तुति की, तो परिसर ऐसा लग रहा था मानो वृंदावन कृष्ण के जन्मोत्सव में झूम रहा हो। शुक्रवार 23 मई को भगवान श्री कृष्ण की बाल सुलभ लीलाओं ने मंत्र मुग्ध कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भगवान श्री कृष्ण युवा हुए और जगत जननी रूकमणी से मंगल परिणय में आबद्ध हो गए। सभी ने दोनों के मंगल परिणय में सुमधुर गीत गाया। आचार्यश्री के श्रीमुख से निकल रही अमृत धारा से सब आध्यात्म की गंगा में डूबकी लगा रहे थे। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण महामृत्युंजय आश्रम कृष्ण लीलाओं और जीवन को धन्य करने वाली संगीतमय भागवत कथा से यहां स्वर्ग का एहसास हो रहा था।


आचार्य श्री सागर मिश्रा की दिव्यवाणी से भगवान श्री कृष्ण चरित्र कथाओं से पूरा परिसर गूंज रहा है। आज शनिवार को द्वारिका लीला,कृष्ण-सुदामा की मित्रता का वर्णन होगा। 25 मई रविवार को परीक्षित मोक्ष, भागवत चढ़ोतरी के साथ कथा को विराम दिया जाएगा और 26 मई सोमवार को गीता, तुलसीवर्षा, पूर्णाहुति,सहस्त्रधारा और ब्राम्हण भोज के साथ यह नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा संपन्न हो जाएगी।