रजगामार में फ्लोरा मैक्स का दफ्तर सील किया पुलिस ने


0 टीम लीडर कविता और पति सनत श्रीवास ने यहां से किया है 1.50 करोड़ का कारोबार

कोरबा/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस। फ्लोरा मैक्स कंपनी के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का झांसा देकर उनके नाम पर विभिन्न बैंकों से लोन निकलवाने के बाद इसकी भरपाई नहीं करने से जहां महिलाएं कर्ज में डूब गई हैं और बैंकों द्वारा की जा रही वसूली की कार्रवाई से काफी व्यथित हैं। मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही इन महिलाओं को राहत देने के लिए काम हो रहा है। एक टीम लीडर महिला द्वारा खुदकुशी कर लेने उपरांत राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के बाद तथा इससे पहले रजगामार क्षेत्र से महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री से की गई शिकायत के बाद जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तब जाकर प्रशासन हरकत में आया। प्रकरण में अपराध दर्ज कर लगभग 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और उनकी संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है।

इसी कड़ी में गुरुवार को सिटी कोतवाली की टीम ने रजगामार में फ्लोरा मैक्स के टीम लीडर कविता श्रीवास एवं उसके पति सनत श्रीवास के यहां दबिश दी। उनके द्वारा जिस दुकान में फ्लोरा मैक्स कंपनी की ब्रांच संचालित की जा रही थी, उसकी पड़ताल करते हुए सील बंद करने की कार्रवाई की गई। यहां से कुछ रिकॉर्ड भी ले जाए जाने की खबर है। सीलबंदी के बाद पुलिस ने इन दोनों को कोतवाली तलब किया है।
हमारे समाचार सहयोगी ने बताया कि कविता व सनत श्रीवास के द्वारा रजगामार सहित आसपास के क्षेत्र केराकछार, गोड़मा व अन्य इलाकों से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का कारोबार किया गया है। कंपनी के द्वारा इन्हें प्रोत्साहन के तौर पर एक स्कूटी और एक इको कार कालांतर में भेंट की गई थी। रजगामार की महिलाओं ने इस मामले को लेकर जब मुख्यमंत्री के पास जाकर गुहार लगाई तब धीरे-धीरे अन्य लोगों को ठगी का पता चला और आज यह प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। इस मामले में कोरबा जिले से सर्वप्रथम और एकमात्र पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है।

0 सभी जिलों से मंगाई जा रही है जानकारी
बता दें कि ठगी का यह नेटवर्क सिर्फ कोरबा ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी जमकर चला है। टीम लीडर जिनके द्वारा कंपनी के नाम से महिलाओं को जुड़वाया गया और जब उन महिलाओं पर वसूली दबाव बन रहा है तो वह टीम लीडरों पर दबाव बना रही हैं, ऐसे में कुछ टीम लीडर जान देने की कोशिश भी करने लगे हैं। इधर पुलिस के द्वारा विवेचना के दौरान समस्त कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी छत्तीसगढ़ को पत्राचार कर आरोपीगण एवं उनके निकटतम सबंधी के चल-अचल सम्पति की जानकारी ली जा रही है।
कोरबाम सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 703/24 धारा 318(2), 318(4), 336, 338,3(5) बीएनएस एवं 6,10 छ.ग. निक्षेपको के संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत अपराध दर्ज है।