भू-जल और पर्यावरण संवर्धन व संरक्षण हेतु गहन वृक्षारोपण के लिए कोरबा जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने समस्त पदाधिकारियों को लिखा पत्र

भू-जल और पर्यावरण संवर्धन व संरक्षण हेतु गहन वृक्षारोपण के लिए कोरबा जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने समस्त पदाधिकारियों को लिखा पत्र

कोरबा 15 जून/ कोरबा जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने कांग्रेस पार्टी के समस्त पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर अपील किया है कि कोरबा में भू-जल स्तर और पर्यावरण संवर्धन व संरक्षण हेतु गहन वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए ताकि जिले के लिए निर्धारित 6 लाख पौधों को रोपित किए जाने का लक्ष्य सुगमता से हासिल किया जा सके। श्री जायसवाल ने पत्र में इस बात पर विशेष जोर डाला है कि विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़े हैं और यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले समय में जीव जन्तुओं के साथ ही वनस्पतियों और मानव जीवन के अस्तित्व पर बहुत बड़ा प्रश्न चिह्न लग जाएगा। लगातार तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है

और विशेषकर कोरबा क्षेत्र की बात यदि की जाए तो लगातार बढ़ रही खनन गतिविधियों के कारण भू-जल स्तर की गिरावट में तेजी आई है और कुएं, तालाब, बोर सूख रहे हैं और लोगों के समक्ष गंभीर जल संकट पैदा हो गया है।
पत्र मंे श्री जायसवाल ने समस्त पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में खाली पड़ी हुई भूमि का चिह्नांकर कर इमारती और छायादार जैसे आम, जामुन, पीपल, बरगद, नीम आदि को रोपित करने की योजना बनाकर उसे अमलीजामा पहनाएं। इसी प्रकार से सड़कों के किनारे भी पर्याप्त अंतराल पर फैंसी पौधों को लगाने की बजाए टिकाऊ व मजबूत प्रजाति के पौधे लगाने पर विचार करें ताकि पौधों के बड़े होने पर आंधी-तूफान से वे बचे रहें और शाखएं टूटने का खतरा न रहे और विद्युत व्यवस्था बाधित होने से बच सके। पत्र में आगे सुझाया गया है कि इस कार्य के लिए ज्यादा से ज्यादा शासकीय भवन परिसरों, विद्यालय परिसरों व आहाता वाले बड़े भूखण्डों का चयन किया जा सकता है।
इसी प्रकार पत्र में ग्राम पंचयतों से अपील किया गया है कि वर्तमान में सभी तरफ सड़कों और रेल मार्गों का निर्माण कार्य जारी है जिसके लिए बड़े पैमाने पर जमीन को समतल बनाने के लिए मिट्टी की जरूरत पड़ती है जिसे दूसरे स्थानों से लाकर पूरा किया जाता है। अतएव इस समस्या का समाधान करने के लिए ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्रों में ऐसे भू-खण्डों का चिह्नांकन कर प्रस्ताव परित करके मिट्टी निकालने की अनुमति दे सकते हैं जो बाद में एक विशाल तालाब का रूप ले सकता है जिसका उपयोग ग्रामवासियों द्वारा ही किया जा सकेगा। श्री जायसवाल ने पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को प्रेषित किया है।