कैंसर का खतरा होगा कम, बस रोजाना करें ये 5 योग

HEALTH /छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस . एक फैक्ट के मुताबिक, कैंसर के लगभग एक-तिहाई मामलों को संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव मैनेज करके रोका जा सकता है।  योग के जरिए और तकनीकों की शक्ति के माध्यम से कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। इन 5 योग के करने से कैंसर के खतरे को कम करने में काफी सहायता मिलेगी और स्वस्थ लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

कैंसर से बचाव के लिए इन योग टिप्स को जरुर करें

 

पर्वतासन कैसे करें

 

– पहले आराम से बैठो फिर श्वास लें और हथेलियों को एक साथ लाते हुए अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं।

– सांस छोड़ें और अपनी भुजाएं नीचे करें।

 

पर्वतासन करने के फायदे

 

– आपके पेट क्षेत्र के आंतरिक अंगों को आंतरिक आराम मिलता है और ब्लड में काफी सुधार होता है।

– परिसंचरण के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार करता है।

– यह मन को शांत रखता है और कैंसर से जुड़े तनाव और चिंता को प्रबंधित करता है।

 

पवनमुक्तासन कैसे करें

 

– अपनी पीठ के बल लेटें

-घुटनों को छाती के पास लाएं, उन्हें अपने हाथों से पकड़ें।

– सांस छोड़ते हुए अपने पैर नीचे करें।

 

इसके फायदे

 

-यह पेट के एरिया को हल्का दबाव प्रदान करता है, जिससे गैस और सूजन से राहत मिलती है।

-यह पाचन को दुरुस्त रखता है जो कैंसर को रोकने के लिए आवश्यक है।

 

शवासन कैसे करें

 

-अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपनी बाहों को अपने शरीर से लगभग एक फुट की दूरी पर फैलाएं, पैरों को थोड़ा अलग रखें।

– हथेलियां ऊपर की ओर रखें और आंखें बंद करके शव की तरह आराम करें।

– बिना हिले-डुले, क्रम से शरीर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें, पैर की उंगलियों से शुरू करके सिर के शीर्ष तक।

 

शवासन करने के फायदे

 

– इससे तनाव को कम किया जाता है जो सूजन और कैंसर के खतरों में योगदान देता है।

– नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ और शरीर की मरम्मत के लिए जरुरी है।

 

प्राणायाम कैसे करें

 

-पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को कूल्हों के पास ऊपर खींचें।

– एक हाथ अपने पेट पर और दूसरा हाथ शरीर के बगल में रखें।

– अपनी आंखें बंद करें और पेट को ऊपर की ओर ले जाते हुए धीरे से सांस लें।

-जैसे ही सांस लेना पूरा हो जाए, आराम से सांस छोड़ें, पेट के गिरने या अंदर धंसने के प्रति सचेत रहें।

 

जानें इसके फायदे

 

– अपनी सुविधा के अनुसार सांस लेने और छोड़ने की गिनती बराबर रखें।

-विश्राम को बढ़ावा देता है, तनाव और कैंसर जैसे इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करता है।

– फेफड़ों की क्षमता में सुधार, श्वसन स्वास्थ्य में सहायता।